सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर कहा, "लोकतंत्र की हत्या की गई"
हाल ही में चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव में बवाल मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुँचा और इस पर भी सुनवाई हुई।
सोमवार, 5 फरवरी, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि ये स्पष्ट है
कि उन्होंने बैलेट पेपर्स के साथ छेड़छाड़ की जिसके लिए उन पर मुकदमा चलना चाहिए और उनका कृत्य लोकतंत्र की हत्या और माखौल है।
तीन न्यायाधीशों की पीठ, जो चुनाव में हुई गड़बड़ी से "स्तब्ध" चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में, ने कहा कि यह लोकतंत्र को इस तरह से नष्ट नहीं करेगी।
और चुनाव की शुचिता से संतुष्ट नहीं होने पर अदालत नया चुनाव कराने का आदेश देगी।
कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी को अधिकारी या भगोड़ा बताया।
19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव मामले में अगली सुनवाई में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के अलावा मतपत्रों
और चुनाव प्रक्रिया का वीडियो बचाने का भी आदेश दिया।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने चुनाव की वीडियो रिकॉर्डिंग देखने के बाद कहा,
निर्वाचन अधिकारी ने मतपत्रों को स्पष्ट रूप से विरूपित कर दिया। इस व्यक्ति को गिरफ्तार करना चाहिए।
वह कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं, देखो। श्रीमान सॉलिसिटर (जनरल), यह लोकतंत्र की हत्या और माखौल है,
हम स्तब्ध हैं। क्या यह निर्वाचन अधिकारी का व्यवहार है.‘’