क्या वास्तव में Time Travel करना संभव है? विज्ञान इस पर क्या कहता है?

लंबे समय से टाइम ट्रैवल पर कई दावे किए गए हैं। अब तक, इससे कई कहानियां सामने आई हैं।

ये विषय वैज्ञानिकों और आम लोगों को भी आकर्षित करता है। लंबे समय से लोगों का ध्यान टाइम मशीन पर रहा है।

अब हम जानते हैं कि क्या टाइम ट्रैवल वक्त को आगे या पीछे ले जा सकता है और विज्ञान इसके बारे में क्या कहता है?

एडी फूर्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड, बाल्टीमोर काउंटी में एस्ट्रोनोमी और एस्ट्रोफिजिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर, ने कन्वरसेशन में एक लेख प्रकाशित किया।

इसमें वह कहती हैं कि अगर थर्मोडायनामिक सिद्धांत लागू किया जाए, तो टाइम ट्रैवल असंभव है। यूनिवर्स में चीजें या तो वही रहती हैं या बदतर हो जाती हैं।

समय केवल आगे बढ़ सकता है, पीछे नहीं। अल्बर्ट आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत बताता है कि प्रत्येक व्यक्ति वक्त को अलग-अलग दर से बिताता है।

अंतरिक्ष में प्रकाश की गति से यात्रा करने वाले व्यक्ति का समय पृथ्वी से अधिक धीमी गति से बीतता है। यानी धीमी गति से उम्र बढ़ेगी।

वार्महोल को अंतरिक्ष की कल्पनागत सुरंग कहा जाता है। इसे यूनिवर्स की यात्रा का सस्ता तरीका मानते हैं।

कहते हैं कि इसके स्थिर भाग से बाहर निकलने के बाद मनुष्य इतिहास में चला गया। किंतु ये सिर्फ एक सैद्धांतिक अवधारणा है।

मशहूर भौतिकविद स्टीफन हॉकिंग ने डिनर पार्टी का आयोजन किया था। यह खत्म होने के बाद इंटरनेट पर जानकारी साझा कर भविष्य के यात्रियों से इसमें शामिल होने को कहा.

लेकिन पार्टी में कोई नहीं आया। उन्होंने भी माना कि समय ट्रैवल असंभव है। लेकिन अंतरिक्ष में भेजे गए टेलीस्कोप कुछ विशिष्ट जानकारी देते हैं।

ये भी यूनिवर्स के इतिहास को देख सकते हैं, जिसका प्रकाश लाखों करोड़ों साल बाद पृथ्वी पर गिरेगा।

और आकाश में तारों को जिनकी तस्वीरें धरती पर भेजते हैं। अधिकांश पहले ही ख़त्म हो चुके होते है।

इसका अर्थ है कि हम देख रहे तस्वीर गैलेक्सी से करोड़ों अरबों साल पुरानी है। ऐसे चित्र नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप भी भेजता है।

वह 13.7 अरब साल पहले बिग बैंग की शुरुआत में निर्मित गैलेक्सी भी देख सकता है। वहीं भविष्य में समय की मशीन बनने की संभावना कम है।