गुरु गोबिंद सिंह की जयंती वर्ष 2024: सिख धर्म के अंतिम गुरु का इतिहास, शुभकामनाएं और प्राचीन उद्धरण
17 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती, या दसवें सिख गुरु का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा।
यह दिन सिख धर्म के अंतिम गुरु की 357वीं जयंती होगी।
2 दिसंबर, 1666 को पटना, बिहार में गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ।वह माता गुजरी और गुरु तेग बहादुर के नौवें पुत्र थे।
1956 में, मुगल सम्राट औरंगजेब ने उनके पिता को इस्लाम धर्म मानने से इनकार कर दिया।
1676 में बैसाखी के दिन नौ वर्ष की उम्र में उन्हें सिखों का दसवां गुरु माना गया।
अब उनका जन्मस्थान पटना में तख्त श्री हरिमंदर जी पटना साहिब के नाम से जाना जाता है।
गुरु गोबिंद सिंह बहुत बुद्धिमान थे।उन्होंने मार्शल कविता और संगीत लिखा, शिक्षण कानून को संहिताबद्ध किया, और 'दसम ग्रंथ' ("दसवां खंड") लिखा।
उनके पास सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब भी था।
1699 में खालसा का निर्माण गुरु गोबिंद सिंह का सबसे बड़ा काम था। उन्होंने लोगों को पांच संस्कृतियों से परिचित कराया: केश, कारा, कांगा, कचेरा और किरपान।
1708 में मरने से पहले, उन्होंने खुद को व्यक्तिगत गुरुओं में से अंतिम बताया और गुरु ग्रंथ साहिब, आदि ग्रंथ, को स्थायी गुरु बताया।