Article 370 पर SC के सरकारी वकील ने रखा अपना पक्ष, मोदी-शाह को लेकर कही बड़ी बात!
भारत में जम्मू-कश्मीर शामिल होने के बाद भी अलग-थलग रहा है. यहां के सीएम केंद्र सरकार के आधीन होने के बाद भी अपनी मनमानी करते थे लेकिन जब से यहां Article 370 हटाया गया है तब से यहां की राजनीति में उलट-पलट देखने को मिली|
मुस्लिम लीग के लोगों को ये फैसला बिल्कुल रास नहीं आया और इसपर सुप्रीम कोर्ट में दलीलें भी दी गईं. लेकिन आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को अवैध मानकर उसे हटे रहने का फैसला सुनाया है|
SC के इस फैसले से सरकारी वकील सलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खुलकर बात की है. उन्होंने मीडिया के सामने मोदी-शाह को इस पूरी प्रक्रिया का हीरो बताया है|
Article 370 पर SC के फैसले पर क्या बोले तुषार मेहता?
11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली बैंच ने 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के फैसले को संवैधानिक रूप से वैध मान लिया है. उस फैसले में जम्मू-कश्मी से Article 370 को हटाने का फैसला लिया गया था|
इस फैसले के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मीडिया से खुलकर बात की. उन्होंने कहा, ‘5 अगस्त 2019 की तारीख भारतीय इतिहास में दर्ज कर दी गई है. पहले जो भयंकर संवैधानिक भूल हुई थी उसमें सरकार ने सुधार कर लिया है|
ऐसा सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कारण ही हो पाया है. मोदी-शाह की रणनीति के कारण ही ऐसा ऐतिहासिक फैसला संभव हो पाया है. भारत हमेशा उन दोनों का कर्जदार रहेगा. मैं सौभाग्यशाली हूं कि इस पूरी प्रक्रिया में मैं शामिल रहा|
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ऐतिहासिक बन गया है जिसमें शानदार बुद्धिमत्ता के साथ कानून के शासन के प्रति चिंता और मूलभूत अधिकारों को अब जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को भी प्राप्त होगा.’
मीडिया से बात करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आगे कहा, ‘मैं ऐसा पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि इस फैसले के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की आत्मा को शांति मिली होगी. इस प्रावधान को संविधान में शामिल करने से वो नहीं रोक पाए थे लेकिन आज वो खत्म हो गया है|
आज के दिन सरदार पटेल मोदी-शाह को आशीर्वाद भेज रहे होंगे. संसद में अमित शाह जी का भाषण भी संविधान सभा के भाषणों के जैसे ऐतिहासिक पन्नों पर दर्ज हो चुका है.’
आपकी जानकारी के लिए बता दें, 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि अनुच्छेद 370 (Article 370) जम्मू-कश्मीर में अस्थायी तौर पर लागू हुआ था लेकिन अब इसे 5 अगस्त 2019 से ही लागू माना जाएगा और ये एक विशेष कानून के आधीन बना रहेगा|
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